महिलाओं कर्मचारियों को मासिक धर्म पर 12 दिन का मिले विशेष अवकाश- प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र यादव
■ स्पेन पहला यूरोपीय देश है जो महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म में सवेतन प्रदान करता है अवकाश

प्रयागराज। बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र यादव ने कहा की मासिक धर्म पर शिक्षक कर्मचारी अधिकारी महिलाओं को 1 वर्ष में कम से कम 12 दिन का विशेष अवकाश मिलना चाहिए। इस दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रुप से बहुत पीड़ा होती हैं। जिससे वह मासिक धर्म के समय अपने अनुसार एक दिन का अवकाश ले सके। वहीं पुरुष शिक्षक कर्मचारी अधिकारी को माता-पिता पत्नी पुत्र के निधन पर 13 दिन का विशेष अवकाश जो कि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार 13वीं तक सभी कार्यों को पूर्ण रूप से संपादित करने के लिए मिलना चाहिए और पितृ विसर्जन के लिए पहले और आखिरी दिन का अवकाश घोषित किया जाना चाहिए।
बतातें चलें कि अधिकतर सरकारी पुरुष शिक्षक कर्मचारी अधिकारी को मेडिकल लेकर इन कार्यों को करना पड़ता है। अभी तक बिहार और केरल ही ऐसे भारतीय राज्य हैं जहाँ पर महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश के लिए नीतियां लागू की है। बिहार में 1992 से महिला कर्मचारी को हर महीने दो दिन का सवेतन मासिक धर्म अवकाश दिया जाता है। केरल में 2023 से सभी विश्वविद्यालयों और संस्थाओं की महिला छात्रों को मासिक धर्म लीव दी जाती है। भारत में कुछ कंपनियों में जैसे जोमैटो स्विंगी वायजुश मासिक धर्म अवकाश नीतियां शुरू की है। संसद में मासिक धर्म विधेयक 2017 तथा 2018 में पेश करने का प्रयास किया गया लेकिन सफल नहीं हुआ। वहीं स्पेन जापान इंडोनेशिया फीलिंपिस ताइवान दक्षिण कोरिया जांबिया और वियतनाम अपने-अपने देश में मासिक धर्म अवकाश देते हैं। स्पेन पहला यूरोपीय देश है जो महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म में सवेतन अवकाश प्रदान करता है। बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र यादव ने बताया कि बहुत जल्द ही माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपा जायेगा।

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