दो युवकों के अपहरण के विरोध में बंद से इंफाल घाटी में जनजीवन प्रभावित
इंफाल । मणिपुर में दो युवकों के अपहरण के विरोध में मेइती समूह की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) द्वारा आहूत बंद के कारण इंफाल घाटी के पांच जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, काकचिंग और थौबल जिलों में प्रदर्शनकारियों के सड़कों को अवरूद्ध किये जाने के कारण दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे तथा वाहन सड़कों से नदारद रहे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि थौबल में महिलाओं ने मेला मैदान, वांगजिंग, यैरीपोक और खांगबोक में एनएच 102 को जाम कर दिया।
मेला मैदान के पास महिलाओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया, जबकि युवाओं ने वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए टायर जलाए। थौबल में मंगलवार की सुबह बंद शुरू हुआ। इंफाल पूर्वी जिले के खुरई और लामलोंग में पूरी तरह बंद रहा। जेएसी के संयोजक एल सुबोल ने कहा, ‘‘युवाओं की रिहाई तक आंदोलन जारी रहेगा।’’ थौबल जिले के तीन युवकों का पिछले सप्ताह कंगपोकपी में अपहरण कर लिया गया था। बाद में, उनमें से एक को मुक्त करा लिया गया, लेकिन अन्य दो लापता हैं।
पुलिस के अनुसार, दो दोस्तों के साथ, एन जॉनसन सिंह मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के न्यू कीथेलमंबी में भर्ती परीक्षा देने गए थे, लेकिन रास्ता भटककर कुकी बहुल कंगपोकपी जिले में पहुंच गए। कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने युवकों के अपहरण को राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की पूरी तरह विफलता बताया।
पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के मेघचंद्र ने कहा कि उन्होंने हाल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और विधायकों के साथ एक संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री से संवैधानिक प्रावधानों और देश के कानूनों को लागू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे राज्य और केंद्रीय सुरक्षा बलों की मदद से दोनों युवकों को बचाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से सहायता मांगने का भी आग्रह किया।’’ मेघचंद्र ने कहा, ‘‘हम यह नहीं समझ पा रहे कि राज्य सरकार दोनों युवकों को बचाने में असमर्थ क्यों रही और गृह विभाग लोगों की सहायता करने में असहाय क्यों दिख रहा है।

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