जीवित्पुत्रिका व्रत कल, बाजार गुलजार

पुत्र की दीर्घायु के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत

गोपीगंज । अश्वनी मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 25 सितंबर बुधवार को महिलाएं जिवित पुत्रिका व्रत रखेंगी। पुत्र की दीर्घायु के लिए रखे जाने वाले इस व्रत की तैयारी तेजी से चल रही है। सोमवार को पूजन सामग्री फल फूल खिलौना आदि की खरीदारी के लिए दुकानों पर भारी भीड़ नजर आयी। बाजार पूरी तरह से गुलजार नजर आए।
डूहिया भावसिंहपुर निवासी पंडित दीनानाथ शुक्ल ने बताया पर्व 25 सितंबर को मनाया जाएगा। उस दिन माताएं अपने संतान की खुशहाली के लिए जिउतिया व्रत निराहार और निर्जला रखती हैं। व्रत और पूजन को लेकर तैयारी शुरु हो गई है। 25 सितंबर को होने वाले जीवित्पुत्रिका को लेकर महिलाओं ने जमकर खरीदारी की। नगर और ग्रामीण क्षेत्रों मे पूजन सामग्री फल फूल खिलौना,डलिया आदि की जगह जगह दुकाने सजाई गई थी। सुबह से दुकानों पर लगी भीड़ देर शाम तक बनी रही। जीवित पुत्रिका व्रत 25 सितंबर को प्रातःकाल स्नान ध्यान के साथ प्रारंभ होगा। व्रत का पारण दूसरे दिन किया जाएगा। जीवित पुत्रिका की पूजा विभिन्न शिव मंदिरो पर पूरे विधि विधान पूर्वक की जाएगी। जहां गाजे बाजे के साथ पूजन सामग्री का डाल सजाकर मंदिर पहुचेगी। पूजन अर्चन के साथ जीवुतिया माता की कथा श्रवण के साथ पूजन संपन्न होगा।
कृष्णलीला गुणगान मानव के कल्याण का साधन: नन्दलाल

कटरा। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पांचवें दिन कृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए प्रयाग से पधारे प्रसिद्ध कथा व्यास पण्डित नन्दलाल शास्त्री महाराज ने हरी नाम संकीर्तन की महिमा का गान किया। क्षेत्र के ग्राम खेमापुर कटरा में 19 तारिख से चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत पुराण कथा में पांचवे दिन श्रीकृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। कथावाचक नन्दलाल शास्त्री ने कहा कि सदा सुख केवल भगवान के चरणों में है। भगवान के सम्मुख और उनके शरणागत होने को ही भागवत कथा है। भागवत कथा से कल्याणकारी और कोई भी साधन नहीं है इसलिए व्यस्त जीवन से समय निकालकर कथा को आवश्यक महत्व देना चाहिए। भागवत कथा से बडा कोई सत्य नहीं है। भागवत कथा अमृत है। इसके श्रवण करने से मनुष्य अमर हो जाता है। यह एक ऐसी औषधि है जिससे जन्म-मरण का रोग मिट जाता है। भागवत कथा को पांचवां वेद कहा गया है जिसे पढ सकते हैं और सुन सकते हैं। कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार हैं। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान विष्णु किसी किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। वैसे तो भगवान विष्णु ने अभी तक तेईस अवतारों को धारण किया। इन अवतारों में उनके सबसे महत्वपूर्ण अवतार श्रीराम और श्रीकृष्ण के ही माने जाते हैं। श्री कृष्ण का जन्म क्षत्रिय कुल में राजा यदु कुल के वंश में हुआ था। भागवत भूषण ने कृष्ण के जीवन गाथा का विस्तार पूर्वक विवरण कर संगतों को कृष्ण के जीवन लीला के बारे में बताया गया। दिव्य भागवत कथा का आयोजन 19 सितंबर से 25 सितंबर तक किया जा रहा है। कथा के मुख्य यजमान अष्टभुजा पांडेय,माता प्रसाद पाण्डेय, कलेट्टर पण्डित, भगवती प्रसाद पाण्डेय, यदुनाथ पांडेय हैं।

पितृपक्ष में पूर्वजो का पिंडदान व श्राद्ध से परिवार की होती है उन्नति

कांवल। हिन्दू धर्म में माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया है। इसलिए हिंदू धर्म शास्त्रों में पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र की अनिवार्यता मानी गई हैं। जन्मदाता माता-पिता को मृत्यु-उपरांत लोग विस्मृत न कर दें, इसलिए उनका श्राद्ध करने का विशेष विधान बताया गया है। महेंद्र प्रताप त्रिपाठी ने बताया कि भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक के सोलह दिनों को पितृपक्ष कहते हैं, जिसमे हम अपने पूर्वजों की सेवा करते हैं।
उन्होंने बताया कि आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक ब्रह्माण्ड की ऊर्जा तथा उस उर्जा के साथ पितृप्राण पृथ्वी पर व्याप्त रहता है। धार्मिक ग्रंथों में मृत्यु के बाद आत्मा की स्थिति का बड़ा सुन्दर और वैज्ञानिक विवेचन भी मिलता है। मृत्यु के बाद दशगात्र और षोडशी-सपिण्डन तक मृत व्यक्ति की प्रेत संज्ञा रहती है। पुराणों के अनुसार वह सूक्ष्म शरीर जो आत्मा भौतिक शरीर छोड़ने पर धारण करती है प्रेत होती है। प्रिय के अतिरेक की अवस्था “प्रेत” है, क्यों की आत्मा जो सूक्ष्म शरीर धारण करती है तब भी उसके अन्दर मोह, माया भूख और प्यास का अतिरेक होता है। सपिण्डन के बाद वह प्रेत, पित्तरों में सम्मिलित हो जाता है। पितृपक्ष भर में जो तर्पण किया जाता है, उससे वह पितृप्राण स्वयं आप्यापित होता है। पुत्र या उसके नाम से उसका परिवार जो यव (जौ) तथा चावल का पिण्ड देता है, उसमें से अंश लेकर वह अम्भप्राण का ऋण चुका देता है। ठीक आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से वह चक्र उर्ध्वमुख होने लगता है। 15 दिन अपना-अपना भाग लेकर शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से पितर उसी ब्रह्मांडीय उर्जा के साथ वापस चले जाते हैं। इसलिए इसको पितृपक्ष कहते हैं और इसी पक्ष में श्राद्ध करने से पित्तरों को प्राप्त होता है।
बताया कि पितृपक्ष में अपने पितरों के निमित्त जो अपनी शक्ति सामर्थ्य के अनुरूप शास्त्र विधि से श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करता है। उसके सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं और घर-परिवार, व्यवसाय तथा आजीविका में हमेशा उन्नति होती है। पितृ दोष के अनेक कारण होते हैं। परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने से, अपने माता-पिता आदि सम्मानीय जनों का अपमान करने से, मरने के बाद माता-पिता का उचित ढंग से क्रियाकर्म और श्राद्ध नहीं करने से, उनके निमित्त वार्षिक श्राद्ध आदि न करने से पितरों को दोष लगता है।

एनएसएस का सात दिवसीय सेवा सप्ताह कार्यक्रम संपन्न

ज्ञानपुर। काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के चयनित छात्र -छात्राओं द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर 17 से 23 सितंबर” सेवा सप्ताह “के अंतर्गत सोमवार को अन्तिम दिन राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक- स्वयंसेविकाएं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज तथा महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय में प्रशिक्षण प्राप्त किया। गोपीगंज स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर विजय कुमार गौतम ने लोगों में हो रही बीमारी टीवी,दमा अस्थमा डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया आदि बीमारियों की सामान्य जानकारी दी तथा लोगों को जागरूक करने के लिए छात्र-छात्राओं से आह्वान किया। छात्र-छात्राएं विभिन्न रोगियों से मिले तथा उनके उपचार हेतु मदद एवं जानकारी साझा किया। वहीं, जिला अस्पताल चिकित्सा अधिकारी डॉ. फैजल अशरफ ने एचआईवी एड्स बीमारी से संबंधित लोगों में फैली भ्रान्तियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एड्स जैसी बीमारी एड्स रोगी के साथ बैठने, छूने,साथ खाने -पीने, एवं उठने बैठने से नहीं फैलता है। यह एक लाइलाज बीमारी नहीं है, बल्कि इस वीमारी का विभिन्न प्रकार की दवाईयां उपलब्ध है, जिनका सेवन करने से यह बीमारी काफी हद तक कम हो जाती है तथा रोगी अपना पूरा जीवन काल सामान्य व्यक्ति की तरह जीवित रह सकता है। छात्र-छात्राएं बड़े उत्साह पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त किया। छात्राओं ने अपना स्वयं एचआईवी एड्स की जांच कराया। सभी छात्र-छात्राएं नेगेटिव आए हैं। इनमें किसी भी प्रकार के एचआईवी एड्स के लक्षण नहीं पाए गए। यह सात दिवसीय सेवा सप्ताह राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम मुख्य अधिकारी संतोष कुमार आर्य के नेतृत्व एवं संरक्षण में आयोजित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्रीश कुमार उपाध्याय अन्य अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

गया में पिंडदान से आत्मा की शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति: आचार्य रमेश

सुरियावां। स्थानीय विकास खंड के ग्राम भिखारीरामपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गया महात्म्य की कथा के दौरान कथा व्यास आचार्य रमेश प्रसाद शुक्ला गुरु महाराज ने गया महात्म्य की कथा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि गया में श्राद्ध कर्म
पिंडदान से आत्मा की शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गया महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि फल्गु नदी के तट पर भगवान राम और माता सीता ने राजा दशरथ की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध कर्म पिंडदान किया था। साथ ही महाभारत काल में पांडवों ने भी इसी स्थान पर कर्म किया था। वायु पुराण और विष्णु पुराण में भी गया का महत्व बताया गया है। गया में पिंडदान व तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए इस स्थान को मोक्ष स्थल भी कहा जाता है। यहां ब्रह्मा विष्णु और महेश के अलावा सभी देवता विराजमान रहते हैं। इस कर्म से लोग पितृ ऋण से मुक्त हो जाते है। गया माहात्म्य को सुनने के लिए सैकड़ो लोग उपस्थित रहे। इसमें मुख्य यजमान स्वामीनाथ मिश्र एडवोकेट पूर्व अध्यक्ष डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन, विंध्यवासिनी प्रसाद मिश्र, लाल जी हरि प्रकाश मिश्रा, कृष्ण मुरारी मिश्र इंद्रमणि मिश्र कैलाश नाथ मिश्र दीनानाथ मिश्र के अलावा सेवा निवृत पुलिस उपाधीक्षक , दिनेश चंद्र मिश्रा आलोक मिश्रा राजकुमार मिश्रा आदि थे।

बच्चों को घर ले जा रहा स्कूल वाहन
गढ्ढे में गिरा, तीन बच्चे चोटहिल

घोसिया। औराई क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गरौली में संचालित एक स्कूल का प्राइवेट वाहन नकटापुर गांव में सड़क किनारे गढ्ढे में जा फिसला। इस घटना में तीन बच्चे चोटहिल हो गए। जानकारी पर मौके पर पहुंचे विद्यालय प्रबंधन और खंड शिक्षा अधिकारी की मदद से प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों को घर भेज दिया गया।
वाकया यह है कि गरौली गांव स्थित बेसिक स्कूल की प्राईवेट चार पहिया वाहन टाटा सूमो सोमवार को सुबह बच्चों को बैठाकर स्कूल जा रहा था। नकटापुर गांव में रास्ता खराब होने के कारण अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गढ्ढे में फिसल गया, जिससे वाहन में बैठे अंश व अभिषेक पुत्र योगेश विश्वकर्मा निवासी त्रिलोकपुर,पवन पुत्र श्यामधर प्रजापति निवासी चिन्तामणिपुर थाना को मामूली चोट आयी। खण्ड शिक्षा अधिकारी रमाकांत सिंगरौर
व प्रबंध समिति द्वारा बच्चों को उपचार के उपरांत घर भेज दिया गया।

खमरिया का भरत मिलाप 13 को

खमरिया। नगर पंचायत खमरिया का सुप्रसिद्ध भरत मिलाप 13 अक्टूबर को होगा। भरत मिलाप समिति की बैठक नगर के मनोकामेश्वर मंदिर भुजवा का शिवाल पर रविवार को देर शाम आयोजित की गई, जिसमें कमेटी द्वारा निर्णय लिया गया की प्रत्येक वर्ष के भाति इस वर्ष भी भरत मिलाप दशमी के अगले दिन होगा । बैठक में संरक्षक कृष्ण कुमार केसरवानी ,शिवजी बरनवाल ,उदय चंद्र ठठेरा, आशीष जायसवाल ,संदीप, मदन मोदनवाल ,रवि वर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

मार्ग लेपन कार्य कराने की मांग

कस्तूरीपुर। सुरियावां विकास खण्ड के दुर्गागंज भदोही रजवाहा मार्ग पर देवदासपुर से सुरियावां जाने वाले व देवदासपुर से बदलीपुर बनकट हरिपट्टी होते हुए मोढ़ तक जाने वाले मार्ग पर लेपन कार्य कराने की मांग की है। यह मार्ग बन जाने पर क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगो को बगैर रेलवे पार किये सुरियावां व मोढ़ जाने में आसानी होगी। मार्ग पूरी तरह से गढ्ढा में तब्दील हो गयी है, जिससे उस पर आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है । वर्षा के समय में इस रास्ते पर पानी जम जाता है, जिससे मार्ग पर चलना मुश्किल हो जाता है। क्षेत्र के कुंजबिहारी मिश्र, पंकज मिश्र अजय सिंह पटेल देवेश मिश्र दिलीप पटेल योगेश मिश्र अभयराज यादव मनोज सिंह अनिल यादव आदि ने उक्त मार्ग के लेपन कार्य कराने की मांग की है।

नगर पंचायत पर झाड़ू लगाने पहुंचे सभासद

खमरिया। नगर पंचायत खमरिया के सभासद सोमवार को प्रातः 11 बजे नगर पंचायत खमरिया के कार्यालय पर झाड़ू लगाने पहुंचे। सभासदों द्वारा पहले अधिशासी अधिकारी जितेंद्र सिंह यादव से मिल कर पूर्व में दो पत्र जो दिया था । उस दस्तावेज को लेकर बात किया जिस पर अधिशासी अधिकारी ने फोटो कॉपी देने से मना किया। कहा कि जो भी रजिस्टर देखना हो एक दिन दो दिन तीन दिन तक कार्यालय में सभी सभासद को दिखाया जा सकता है। परंतु फोटो कॉपी नही दिया जा सकता है, जिस पर सभासदो ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब सभासदों का अधिकार एक दस्तावेज लेने का नही बना है तो हम सभासदो द्वारा प्रत्येक दिन प्रातः कार्यालय खुलने के बाद झाड़ू लगाने का काम करेंगे। सभासदों में संजय मौर्य,कमल मौर्य, शरद मौर्य ,सुभाष चंद्र सभासद पति में जितेंद्र मौर्य, रामवृक्ष सहित अन्य सभासद मौजूद रहे।

पोषक आहार प्रबंधन विषयक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

28 महिलाओं एवं किशोरियों ने किया प्रतिभाग

घोसिया। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवा भदोही परिसर में पोषक आहार प्रबंधन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को समापन हो गया। कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न गांवों से 28 महिलाओं एवं किशोरियों ने भाग लिया। इस दौरान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक‌ व अध्यक्ष डॉ विश्वेंदु द्विवेदी ने कृषि की तकनीकियों से अवगत कराते हुए शरीर में जल की सान्द्रता एवं प्रतिमान विषय पर विस्तृत जानकारी दिया। डॉ रेखा सिंह ने पोषक आहार प्रबंधन के विभिन्न घटक एवं शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा,उनकी उपयोगिता और उपलब्धता के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करते हुए प्रशिक्षणर्थियों को दैनिक जीवन में खाद्य सामग्री की संतुलित एवं आवश्यक मात्रा के बारे में बताया। डॉ. एके चतुर्वेदी ने आहार में सब्जियों जैसे सहजन, हरी पत्तेदार सब्जी के महत्व पर उपयोगी जानकारी दी।डॉ आरपी चौधरी ने जैविक खाद द्वारा अनाज, दलहन व तिलहन उत्पादन पर जोर दिया एवं योगेश यादव ने आहार में दूध एवं दुग्ध उत्पादों के बारे में बताया।डॉ ताराचंद ने सूखे मेवे और खाद्य तेलों के बारे में जानकारी दी।मौसम विशेषज्ञ सर्वेश बरनवाल ने आहार में अनाजों की महत्वपूर्णता पर जानकारी प्रदान दी। डॉ प्रभाष चंद्र सिंह ने फलों के पोषणमान पर प्रकाश डाला। श्री डीपी सिंह एवं अमित सिंह ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग दिया ।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में निशा देवी, चंद्रकला शर्मा, रिमझिम यादव, ज्योति सिंह, काजल, पुष्पा बिंद, कंचन बिंद आदि महिलाओं एवं नवयुवतियों ने भाग लिया है।

लीड…
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62 फीसदी कार्डधारकों का ई-केवाईसी, आयकर पेई 81सौ कार्ड निरस्त

ई-केवाईसी में सूबे में अठारहवें स्थान पर भदोही

कोटेदारों को निर्देश, वितरण के बाद केवाईसी में लाए तेजी: सुनील

ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत छूटे उपभोक्ताओं का बढ़ रहा यूनिट

ज्ञानपुर। भदोही जिले में 62 फीसदी राशन कार्डधारकों का ई-केवाईसी का कार्य पूर्ण हो गया है। इस दौरान आयकर पेई 81 सौ लोगों का राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया है। साथ ही पति के जीवित रहते विधवा पेंशन ले रहीं महिलाओं की विभागीय रिपोर्ट के आधार पर जारी यूनिट को भी निरस्त कर दिया गया है। ई-केवाईसी का शेष कार्य जल्द पूर्ण करने के लिए कोटेदारों को निर्देशित किया गया गया है।
यह जानकारी जिला पूर्ति अधिकारी सुनील ने दी। “आज” से खास बातचीत में जिला पूर्ति अधिकारी श्री सुनील ने बताया कि ई-केवाईसी के तहत सत्यापन का कार्य चल रहा है। विभाग में इस समय दो-तीन चीजें चल रही है। इसमें एक तो यह कि कार्डधारक अपना आधार और फिंगर मैच कराएंगे। इससे यह सत्यापित होगा कि कार्डधारक पात्र है अथवा स्थानीय जिले का निवासी है अथवा नहीं। यह आधार और
फिंगर प्रिंट मैच से स्पष्ट हो जाएगा। साथ ही यह भी स्पष्ट होगा कि दूसरे राशन कार्ड का दूसरे के कार्ड में आ गया तो वह भी स्पष्ट हो जाएगा। जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि अब तक 62% सत्यापन का कार्य कंप्लीट कर चुका है। सत्यापन में 81 सौ आयकर पेई लोगों का कार्ड निरस्त किया गया है। इसी तरह पति के जीवित रहते विधवा पेंशन ले रहीं महिलाओं का भी राशन कार्ड यूनिट निरस्त कर दिया गया है। जिला पूर्ति अधिकारी श्री सुनील ने बताया कि जिले में आज तक 62 फीसदी राशनकार्डों के सत्यापन का कार्य पूर्ण हो चुका है। सत्यापन के मामले में सूबे में भदोही अठारहवें स्थान पर है, जबकि टाप जनपद का स्कोर 66 प्रतिशत है। डीएसओ ने बताया ई-केवाईसी सत्यापन के शेष लक्ष्य की पूर्ति को कोटेदारों को निर्देशित किया गया है कि वह वितरण के बाद सत्यापन कार्य को तेजी से पूर्ण कराएं।

इनसेट

डीएसओ हो तो ऐसा…

ज्ञानपुर। फरियादियों की समस्या के निदान के साथ ही जरूरतमंद तक राशन पहुँचाने की दिशा में सार्थक कदम उठाने के मामले में भदोही के जिला पूर्ति अधिकारी श्रीसुनील का कोई जवाब नहीं। ऐसा मामला उनके दफ्तर में आए दिन देखने को मिलता है। सोमवार को जनता दरबार में पहुंचे लोगों ने समस्या सुनाई। पत्रक दिया और भरोसा पाया। तमाम ऐसे भी लोग पहुंचे जिनकी शिकायतें दूर हो चुकी थी और वह धन्यवाद जताने पहुंचे थे। उनकी जुबां पर यही शब्द था। डीएसओ हो तो ऐसा।

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