पूर्वजों की विदाई के साथ पितृपक्ष का समापन

विभिन्न गंगा घाटों पर लोगो ने पूर्वजों को पिंडदान देकर लिया आशीर्वाद

ज्ञानपुर । दिवंगत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व कृतज्ञता प्रकट करने का महान पर्व पितृ विसर्जन बुधवार को पूरे जनपद में आस्था, परंपरा व शास्त्रीय रीति-नीति के अनुसार मनाया गया। भारतीय संस्कृति के इस अनोखे पर्व पर सनातन धर्मावलम्बियों ने निकटस्थ पवित्र नदियों में स्नान कर नदी तट पर अपने पुरखों को तर्पण-अर्पण किया। पिण्डदान कर उनकी आत्मा की शांत्यर्थ प्रार्थना की तथा विभिन्न प्रकार के सुस्वादु व्यंजन उन्हें समर्पित कर अपने-अपने लोक वापस जाने हेतु विदाई दी। जो लोग नदियों तक नहीं जा सके वे घर पर ही इस अनुष्ठान को पूर्ण किये। इसके पूर्व लोगों ने एक पखवारे से बढ़े अपने केश व दाढ़ी मुड़वाये। वर्ष के 12 महीनों में आश्विन मास का कृष्ण पक्ष सनातन धर्मावलंबी पितृ पक्ष के रूप में मनाते हैं। पूरे पखवारे लोग प्रतिदिन स्नान करके अपने पूर्वजों को उनकी पुण्यतिथियों के अनुसार जल, गुड़ व काला तिल अर्पित करते हैं। पूरे पक्ष को सूतक के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इन 15 दिनों में केश व दाढ़ी आदि नहीं मुड़ाये जाते। मान्यता है कि हमारे पूर्वज काक रूप में आकर अपने वंशजों द्वारा समर्पित जल को ग्रहण कर तृप्त होते हैं। पक्ष के अंतिम दिन अमावस्या को स्वर्ग व पितृलोक से आये इन पितरों की विदाई की जाती है। इसके लिए विभिन्न प्रकार के सुस्वादु व्यंजन बनाये जाते हैं और उन्हें समर्पित किये जाते हैं। इस पर्व पर घर-घर में आस्था का माहौल रहा।
पितृपक्ष के अंतिम दिन पितरों को पिण्डदान के लिए हजारों हिन्दुजनों की आस्था उमड़ पड़ी। वेदपाठी ब्राह्माणों द्वारा शास्त्रोक्त विधियों के अनुसार केश मुंडन कराकर सनातन धर्मावलंबियों ने तिल युक्त पिण्डदान कराया तथा अपनी अभीष्ट सिद्धि के लिए पितृ देवताओं से अनुनय विनय किया। बुधवार को जनपद के विभिन्न गंगाघाटों पर अपने पूर्वजों को तर्पण देने व उनका श्राद्ध लोगों ने आस्थापूर्वक किया।

गंगा घाट पर उमड़ी भीड़, विधि विधान से पितरो को श्राद्ध

गोपीगंज । पितृ विसर्जन पर जनपद के प्रमुख रामपुर गंगा घाट सहित अन्य घाटो पर उमड़ी आस्था की भीड़ ने विधि विधान पूर्वक पुरखो को नमन करते हुए पिंड दान कर जल अर्पित किया।
पितृ पक्ष में एक पखवाड़े तक चले विविध धार्मिक अनुष्ठान के उपरांत अमावस्या को पितृ विसर्जन पर पुरखों को पिंड दान करने के लिए प्रातःकाल से ही लोग गंगा घाट पर पहुंचने लगे थे। समय के साथ रामपुर सहित अन्य घाटो पर भीड़ बढ़ गई क्षौर क्रिया कर्म के बाद शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान कर पिंड दान गौ दान अन्न दान करने का शुरु हुआ सिलसिला देर तक चलता रहा। रामपुर गंगा घाट पर जगह कम होने से आस पास गांव के लोग जहागीराबाद, बरजी, डेरवा ,गुलौरी, चतुर्मुखी, विहरोजपुर बेरासपुर आदि घाटो पर पिंड दान किया। भीड़ को देखते हुए घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर फल फूल आदि की दुकाने सजाई गई थीl भीड़ उमड़ने से व्यवसायी भी खुश नजर आए। गोपीगंज नगर मे राजमार्ग बड़ा चौराहा से लेकर रामपुर घाट तक जाम की स्थिति बनी रही।

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