अधिकारियों के आदेश नैनी थाने के दरोगाओं के सामने दम घुट रहा है।
15 बैच के दरोगा गैर जनपद स्थानांतरण के बावजूद अंगद की तरह पैर जमा कर अवैध वसूली में लिप्त
नैनी (प्रयागराज)। उच्चाधिकारियों द्वारा कई महीनों पहले से हुए 2015 बैच के दरोगाओं का ट्रांसफर अन्य जोन में हो गया है और उन्हें अविलंब अपने अपने जोन में रवानगी का आदेश भी जारी किया गया था जिसमें बहुत से दरोगा अपने अपने जोन में रवानगी भी करा लिए लेकिन यमुनानगर के नैनी थाना मे तैनात दरोगा अरविन्द कुशवाहा एवं नैनी स्टेशन चौकी मे तैनात दरोगा समेत कई ऐसे दरोगा हैं जो नैनी थाना चौकी मे अपने निजी स्वार्थ व धन उगाही को लेकर आज भी अंगद की तरह पैर जमाए मौजूद हैं। ऐसे कुछ दरोगाओं को अपने उच्चाधिकारियों के आदेश निर्देश से ज्यादा अपनी अच्छी खासी कमाई मायने रखती है जो पुलिस की छवि को धूमिल करने का काम कर रही है। वही दूसरी तरफ उनके द्वारा सही ग़लत काम करने पर अधिकारियो द्वारा जो आदेश दिया जाता है तो उसका अनुपालन भी नही करते देखे जाते क्योंकि उन्हें तो वादी प्रतिवादी से अपने स्तर से मिलना रहता है और जिसके पक्ष से अधिक फायदा मिलता है उसके पक्ष में होकर काम कराया जाता है वह चाहे सही हो अथवा गलत इससे मतलब नहीं रहता। कुछ फरियादियों का आरोप है कि नैनी थाने व स्टेशन चौकी में तैनात कुछ दरोगा ऐसे हैं जो फरियादियों को न्याय देने के बजाय पैसों के दम पर लोगों को परेशान करने का काम किया करते हैं और जब वह अपनी समस्याओं को उच्चाधिकारियों के पास लेकर जाते हैं और उनका उक्त दरोगाओं को फोन किया जाता है कि उक्त मामले में सही एवं निष्पक्ष रुप से काम किया जाए लेकिन उन दरोगाओं को ऐसे उच्चाधिकारियों के आदेश निर्देश का कोई मायने नहीं रखता। अब सवाल यह खड़ा होता है कि फरियादी कितनी बार उच्चाधिकारियों के पास जाए और वह कितनी बार एक दरोगा को फोन करके सही ग़लत की बात करते फिरेंगे ऐसे में दरोगा ही अपने को जो समझते हैं वहीं सबकुछ है और फरियादी थक हारकर अपने घर बैठ जाता है या सबकुछ खो बैठता है। फरियादियों ने उच्चाधिकारियों से मांग किया है कि गैर जनपद ट्रांसफर हुए दरोगाओं को तत्काल उनके यथा स्थान भेजा जाए जिससे उन्हें न्याय मिल सके।